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पर्यावरण संरक्षण

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  शीर्षक:पर्यावरण संरक्षण " गर हम गाँवो मे ही आशियाना बनाते तो अच्छा था,  ये नदियाँ नीर जल लेकर बहती थी, गर इन्हे "नहर" न बनाते तो अच्छा था।  *स्वच्छ हवा से पूरा आसमान लहलहाता था, गर आशियाना गांव ही रहने देते,-- "शहर ""न बनाते तो अच्छा था, *ये हरे-भरे घने जंगल और हँसी-वादियां, अमृत समान O2 बनाते थे,  इसी अमृत मे Co2, No2, Nh3 मिलाकर, इसे "ज़हर" न बनाते तो अच्छा था।। *"घर से दूर जाने को"" पगडंडियाँ" ही काफी थी, जंगल उजाङकर राहों पर, "पत्थर "ना बिछाते, तो अच्छा था।। *"छांव माटी का घर" भी देता है, गर जंगल उजाड़कर, बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां, और आलिशान महल न बनाते तो अच्छा था ।। *प्राकृतिक सौंदर्यों से सुंदर कोई नज़ारा नही, गर हम अपनी आंखों को शहरो का" दीवाना"" न बनाते तो अच्छा था। *गर हम गांवो मे ही "आशियाना "बनाते तो अच्छा था ।। *गर बचा लेते पेड़ो को कटने से, तो पृथ्वी इतनी "बदसूरत" न होती ।  *गर लगा लेते एक -एक पेड़ भी, तो आज देश में अलग से oxygen की "जरूरत"